
हमारे ब्राह्मण परिवारों में उपनयन संस्कार की अत्यधिक भूमिका होती है। उपनयन संस्कार के बाद ही यह सुनिश्चित होता है कि आप पूर्ण ब्राह्मण हो। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपका उपनयन संस्कार नहीं हुआ है तो आप श्मशान घाट पर किसी के दाह संस्कार में भाग नहीं ले सकते।
- जनेऊ को उपनयन संस्कार के दौरान विभिन्न प्रकार के मंत्रों एवं धार्मिक अनुष्ठानों द्वारा उपचारित कर के पवित्र किया जाता है या यूँ समझा जाये तो सामान्य से दिखने वाले सूत के धागे में प्राण डालना।
- इस जनेऊ को पहनने का मुख्य कारण यही है कि आपको हर समय यह बात याद रहे कि आपने किन पवित्र नियमों के तहत इस संस्कार को अपनाया था।
- गंदे स्थानों पर पाए जाने वाले जीवाणुओं और कीटाणुओं के प्रकोप से बच जाते हैं।
- जनेऊ पहनने से कान की नसों पर दबाव पड़ता है जिससे कान साफ रहते है।
आपको यह आर्टिकल कैसा लगा अगर अच्छा लगे तो इसे लाइक करें कमेंट करें और शेयर करें।
स्रोत : Quora, astrosathi